Wednesday, August 29, 2012

Top 5 foods for Indians to carry while travelling abroad

Top 5 foods for Indians to carry while travelling abroad (Long Term)


1.Masala Maggie - This is number one choice esp Cup-o-Noodles and instant noodles. Although I have used Maggie as a generic name but you can pack any Masala Indian noodles. All you need is hot water to make this delicious food. Some brave souls eat it just like snacks without boiling or mixing hot water. There are several brands like Maggie, Nissin, Top Ramen, Knorr, Horlicks, Chings etc. You will find Maggie and alike in several Asian countries but the masala flavor is indigenous to India.

2. Pickles (achār) - They're the perfect partner for a well cooked meal and a 'perker-upper' for a not so perfect one! You can always carry the unopened Mango pickles, Chilli Pickles , Home made pickles. Go for Branded ones as they will be allowed through customs of several countries. However I would recommend you to specifically check the custom rules for the respective countries.

3. Ghee (घृत) - You can top your Rice, Daal, Sabzi or anything Hot with spoonfull of Desi Ghee.A good quality ghee adds a great aroma, flavor and taste to the food. United Kingdom donot allow you to carry Ghees, however other countries do allow. 

4. Sweets for Sweet-tooth:- Go for canned Rasagullas and Gulab Jamuns. Son Papadi and Angoori Pethas are also good enough to carry on short visits. If you have provisions for refrigeration, you might want to pick your favorite local sweets. Some one might try Ghar ka Gajar Halwa or Mummy ke Laddoos.

5. Packaged Snacks (Namkeen)- Your craving for Aaloo Bhujia, Bhujjia, Namkeen, Khatta Meetha, Navratan Mixtures, Daalmuth, Chana Daal, Moong Daal, Samosas etc are a sure baggage fillers. Although Haldiram's is available in major countries but you might need to search for the right place. You can pack your favorite street snacks or Bhelpuri etc. One can also pick Kurkure or Takatak. South Indians might prefer packing kilos of Chaklis, Murruku, Banana Chips and other condiments.



PS:- The Brands are used for generic purposes, They are no way endorsed by me and my blog.

Saturday, August 18, 2012

गुलज़ार का ७८ वाँ जन्मदिन






बात छुटपन की है एक गाना सुना था ग़ुलामी का | मिथुन चक्रवर्ती चलती बस के ऊपर हाथ में ढोल लेकर फिल्म की हेरोइन अनीता राज को प्यार का इज़हार कर रहा था , बोल एकदम फिल्म की मजबूरियां दर्शा रहे थे   कुछ इस तरह थे उसके बोल -
"जिहाल -ए -मिस्कीं  मकुन  ब -रंजिश ,
बहाल -ए -हिज्र  बेचारा  दिल  है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है ....."

गाना बहुत वज़नदार था , थोडा थोडा समझ आया और बहुत ही अच्छा लगा , और हमारा ध्यान गाने की पंक्तियों पर गौर करने लगा |
अर्थपूर्ण कवितायों की  ओर  झुकाव बढता गया |
मैंने उसके बाद इज़ाज़त  देखी , फिल्म समझ में आई नहीं मगर उसके गाने खास करके "मेरा कुछ सामन " इतनी पसंद आई की ध्यान भी नहीं गया की निर्देशक और कवि दोनों एक ही सक्श हैं|

"सावन  के  कुछ  भीगे  भीगे  दिन  रखे  हैं
और  मेरे  इक  ख़त  मैं  लिपटी  रात  पड़ी  है
वो  रात  भुला  दो , मेरा  वो  सामान  लौटा  दो
मेरा  कुछ  सामान  तुम्हारे  पास  पड़ा  है "

पीछे मुड़ कर देखा तो बहुत सारे पसंदीदा गीत सिर्फ गुलज़ार के थे | जब आंधी के गाने चित्रहार पर आते थे तो दिल थम जाता था -

"तेरे  बिना  ज़िन्दगी  से  कोई , शिकवा  नहीं
तेरे  बिना  ज़िन्दगी  भी  लेकिन  ज़िन्दगी  तो  नहीं
जी  में  आता  है , तेरे  दामन  में , सर  छुपा  के  हम
रोते  रहे , रोते  रहे
तेरी  भी  आखों  में , आसुओं  की , नमी  तो  नहीं "

या

"तुम  आ  गए  हो , नूर  आ  गया  है ,
नहीं  तो   चराग़ों  से  लौ  जा  रही  थी ,
जीने  की  तुमसे  वजह  मिल  गयी  है ,
बड़ी  बेवजह , ज़िन्दगी , जा  रही  थी …"


भाववाहक शब्दों से लैस हो कर ज़िन्दगी के करीब ले कर गया गुलज़ार का हर गीत | प्यार से हम दोस्तों ने उनका नाम रख दिया गुल्लू भाई |

गुल्लू भाई की कुछ पहले के गीत -

"जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
आकाश ज़मीं हो जाता है
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
आकाश ज़मीं हो जाता है
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
पल भर के लिये इन आँखों में हम एक ज़माना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
आबोदाना ढूंढते हैं...
दो दीवाने शहर में..."

मौसम मूवी ने तो रौंगटे ही खड़े कर दिए , गीतों ने उन रौंगटों को बरकरार रखा -
"सुबह ना आयी कई बार नींद से जागे
की एक रात की ये ज़िन्दगी गुज़ार चले
रुके रुके से कदम..."

"दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है...

जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर आँचल के साये को
औंधे पड़े रहें कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है..."


जब गुलज़ार साब के सुन चुके गानों को सुना तो एकदम यकीं से कह सका की गुल्लू भाई के अलावा ऐसे गहरे शब्द  और कोई लिख ही नहीं सकता |
"तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
हैरान हूँ मैं
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं
परेशान हूँ मैं

जीने के लिये सोचा ही न था, दर्द सम्भालने होंगे
मुस्कुराऊँ तो, मुस्कुराने के कर्ज़ उठाने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे कर्ज़ रखा है
तुझसे ..."

यह एक गाना आज भी मैं अकेले में गाता हूँ और इसके मतलब में खो जाता हूँ | गुलज़ार उस रौशनी की तरह है जिसमे डूबने के बाद ही मज़ा आता है | मज़ाक में दुसरे दोस्तों को मैं चिद्दाने लगा - जब तक गहराई में जा कर नहीं बैठोगे तब तक समझ नहीं आएगा |
मासूम का एक और गीत - 
"हो थोड़ा सा बादल थोड़ा सा पानी
और एक कहानी
दो नैना और एक कहानी"
या फिर छेद्द्खानी का यह बोल - 

" हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये
खुले आम आँचल न लहरा के चलिये 

कोई मनचला गर पकड़ लेगा आँचल
ज़रा सोचिये आप क्या कीजियेगा
लगा दें अगर बढ़के ज़ुल्फ़ों में कलियाँ
तो क्या अपनी ज़ुल्फ़ें झटक दीजियेगा
हुज़ूर इस ...

बहुत दिलनशीं हैं हँसी की ये लड़ियां
ये मोती मगर यूँ ना बिखराया कीजे
उड़ाकर न ले जाये झोंका हवा का
लचकता बदन यूँ ना लहराया कीजे
हुज़ूर इस ...

बहुत खूबसूरत है हर बात लेकिन
अगर दिल भी होता तो क्या बात होती
लिखी जाती फिर दास्तान-ए-मुहब्बत
एक अफ़साने जैसे मुलाक़ात होती"

मुझे थोडा गुस्सा आया था जब बच्चों के लिए भी उन्होंने बहुत ही बेहतरीन गीत लिखा, शायद बड़े होने की होद्द थी -
"लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा"

"ऐ जिन्दगी, गले लगा ले
हम ने भी, तेरे हर एक गम को
गले से लगाया हैं, हैं ना.." सदमा के इस बोल ने तो हिला कर रख दिया था , गुनगुनाने के लिए कितने सरल और उतना ही कठिन है |

कभी कभी मेरे दिल से आवाज़ आती है , आखिर कैसे लिख पाते है | और करीब आते गया , जो भी गाना पसंद आता था , वो गुलज़ार के होते थे |

ग़ालिब के भी करीब गुलज़ार के कारण ही आ सका , डीडी पर मिर्ज़ा ग़ालिब गुलज़ार के आवाज़ और नज्मों के लिए सुनता था | क्या बेहतरीन निर्देशन और अपने गुरु को दक्षिणा दे डाली |

"बल्ली  मारा  के  मोहल्ले  की  वोह  पेचीदा  दलीलों सी  गलियां 
सामने  ताल  के  नुक्कड़  पे  बटेरों  के  कसीदे 
गुदगुदाती  हुई   पान  के  पीकों  में  वोह  दाद , वोह  वाह -वाह ,
चाँद  दरवाजों  पर  लटके  हुए  बोसीदा  से  कुछ  टाट  के   परदे , 
एक  बकरी  के  ममियाने  की   आवाज़ , 

और  धुन्द्लाई  हुई  शाम   के  बेनूर   अँधेरे ,
ऐसे  दीवारों  से   मूह  जोड़  के  चलते  हैं  यहाँ ,
चूड़ी   वालान  के   कतरे  की  बड़ी  बी  जैसे 
अपनी  बुझते हुए  आँखों  से  दरवाज़े  टटोले ,

इसी  बेनूर  अँधेरी  सी  गली  कासिम  से , 
एक  तरतीब  चराग़ों  के   शुरू  होती  है ,
एक  पुराने  सुफन  का   सफा  खुलता  है ,
असाद   उल्लाह  खान  ग़ालिब  का   पता  मिलता  है ...".

पेश है हज़ारों पसंदीदा नज्मों से एक नज़्म - 
"कागज़ पर गिरते ही फूटे लफ़्ज़ कई
कुछ धुआँ उठा... चिंगारियां कुछ
इक नज़म में फिर से आग लगी!" 
गुलज़ार ने त्रिवेणी भी बहुत लिखी है , सारी किताबें खरीद कर सजा ली है , 
पढता और सुनाता रहता हूँ - जितना भी लिखूं कम है क्यूंकि ज़िन्दगी चंद पन्नों पर नहीं लिखी जाती आखिर गुलज़ार ने ज़िन्दगी को इतने करीब से जाना है |

"दिल जले तो धुआँ ही उठता है... 
क्यूं कभी रोशनी नहीं होती ?"


एक  और 



"रात उदास नज़्म लगती है
ज़िन्दगी फिर रस्म लगती है "




आज गुलज़ार का ७८ वाँ जन्मदिन हैं , मैं तो बस यहीं चाहता हूँ की अपना गुल्लू भाई बस लिखता रहे क़यामत तक |
पेश है मेरी एक तुक्ष सी कविता -
"आज रात महफ़िल जमायेंगे

अपने गुलज़ार दुनिया के दोस्तों
नाम फिर एक जाम उठायेंगे |"

Wednesday, August 8, 2012

छीछालेदर - Lyrics and translation


Chi Cha Ledar/ Chhi Chha Ledar  
Movie: Gangs of Wasseypur Part 2
Music: Sneha Khanwalkar
Lyrics: Varun Grover
Singers: Durga
Director : Anurag Kashyap 


मेरा  जूता  फ़ेक लेदर   दिल  छि - छा -लेदर 
वो  हमसे  पूछा  whether I like the weather
(My shoe is made of fake leather, heart is in trouble
He asked me if I like the weather..)

चमचम  वाली  गोग्गल  भूल  के  सर  वो  भागे 
मखमल  वाला  मफलर  छोड़के  सर  वो  भागे 
तेरे-नाम  के  राधे  भैया 
नज़र  कटीली  लेज़र 
जूता जूता जूता ...

(He ran faster leaving the shining shades behind
He ran fast leaving the velvet muffler
Radhey bhaiya from the movie Tere Naam (Hair style of Defnet is a tribute to Salman's hairdo in the movie Tere Nam ) has sharp killer eyes like razor.)

मारे  तमाम  हरामखोरी ,
लम्बी  लम्बी  छोड़े 
करते  हल्ला   जात  अघोरी 
बनी  बनाई  तोड़े   ..

(He does all the wrong things like a bastard,
boasts a lot,
shouts like a sect of Aghori (cannibal sect)
and destroys all well made things)

मार  तमाम  हरामखोरी 
लम्बी  लम्बी  छोड़े  है 
दांत  से  खोले  बिअर  बोतल 
नैन  से  लोहा  मोड़े  मोड़े 

(He does all the wrong things like a bastard,
boasts a lot,
He opens the beer bottle with his teeth
bends the iron rod with the eye)


नक्शेबाजी  हाथ  में  लेकर 
सब  रंगबाजी  साथ  में  लेकर 
गरजे  बरसे  बेदर 
गरजे  बरसे  बेदर 

(Keeping drama-men by his side
also all the goons.
The weather growls and rains
The weather growls and rains)

हेदर  बेदर  हेदर  बेदर  (weather)
हेदर  बेदर  हेदर  बेदर  (weather)
दिल  छीछालेदर (Heart is in Mess/Trouble)
जूता  जूता ..
 
Listen it here:-

Kaala rey



Song Title: Kaala Rey
Music Director: Sneha Khanwalkar
Lyricist: Varun Grover
Singer(s): Sneha Khanwalkar
Movie: Gangs of Wasseypur II (2012)
Director: Anurag Kashyap



काला रे , सैयां काला रे  | O,Black , my Darling is Dark
दिल  काला रे ,  मन  काला रे | the Heart  is black , the soul is black,
काली जबान  की  काली  गारी (गाली) | the abuses hurled from the black tongue are black.
काले   दिन   की ,  काली शामें | Dark evenings of dark day,


काला  रे ..
सैयां  काला  रे
तन  काला  रे , मन  काला  रे
काली जबान  की  काली  गारी
काले   दिन   की ,  काली शामें
सैयां  करते  जी  coal   बाज़ारी  | My beloved deals in black marketing of coal (Black Charcoal)..
~
बैरी  coal coal coal
छीने   तोल   तोल तोल
बैरी  coal coal
छीने तोलतोलतोल
छत  आँगन  चार  दिवारी
सैयां  करते  जी ............  coal बाजारी

(Lady: blaming this enemy coal;
Which seems to be snatching by measuring smaller details of life including
(her home's) roof, courtyard, and wall..
as in, she's feeling that her home is dying in this quest for coal)



काली  मिट्टी  कुत्ता  काला
काला  बिलकुल  सुरमे  वाला
काला  कौवा ..
हौवा  काला .................
काला  बादल  गिरने  वाला
काला  मोती   गिरने  वाला
काला  झंडा
डंडा  काला
काला  बटवा  पैसा  काला
काली  आँखों  जैसा  काला
काली  अग्नि ..........
काली  गर्मी  सूरज  काला
काला  बीघा  और  गज  काला
काला  हाथी  हाथी  काला  काला  काला  काला ..


( The earth is black and dog is black too,
completely black like the kohl,
crow is black and the unknown demon is black..
black clouds are about to rain,
black pearl is about to fall.. (a tear with the color of kohl from eyes is termed as black Pearl)
the flag is black and so is the rod (supporting it)
the wallet is black which contains the black money,
black like the black eyes..

The fire is black..
the heat is black and sun is black..

the bighas (traditional unit of land) and yards are black (-signifying the land mafia's black illegal business)
the elephant is black..


बैरी  coal coal coal
छीने   तोल तोल तोल
बैरी  coal coal
छीने Wholesale तोलतोलतोल
रंग  पानी  और  पिचकारी

(Lady: blaming this enemy coal;
Which seems to be snatching by measuring smaller details of life, as if in whole sale including
all color of life, water, and the sprayer(water-gun)....
as in, she's feeling that her life will be colorless like black coal)



सैयां  करते  जी
पिया  करते  जी
सैयां  करते
पिया  करते  जी
काला  रे ..
सैयां  काला  रे
तन    काला  रे .. मन  काला  रे
 सैयां  करते  जी  coal   बाज़ारी


Listen it Here:-