Wednesday, June 6, 2012

Office Lift

जब तक बाप के पैसे से  बाल कटवाते थे तब तब पैसे के लिए मेनू चार्ट दिखा ही नहीं था | बचपन में चुन कर सबसे महंगा वाला सलून में ही बाल कटवाना एक शौक़ था , आखिर दोस्तों पर रौब जमता था | पैसे कैसे कमाए जाते थे , कमाने वाले जाने | ख़र्ची के पैसे बाल बनवाने और ऊपर से टिप पर जाते थे | हर हफ्ते हफ्ते | जैसे जैसे ज़नाब बड़े हुए , सलून सस्ते हो गए | आजकल बंगलौर में आईटी वाला जॉब करते है , मगर बाल बगल वाले गली में मात्र ३० रुपये में कटते है | कहते हैं यार अपनी खेती है कहीं भी कटालो , क्या फर्क पड़ता है ? छोटे सलून के फायदे बताते हुए कहते हैं अच्छी देश विदेश की बातें हो जाती है , मसालेदार चाय भी फ्री मिल जाती है और priority मिलती है अलग से | बड़ी दूकान में नाई नहीं होता है , मशीन होता है वो भी professional | बातें होती ही नहीं है , सन्नाटा छाया रहता है , जिसको AC की मद्धम  आवाज़ भेदती रहती है | बचपन के दिन याद आते ही शर्म से आँख झुक जाती होगी | 
एक यह थे , और एक हमारे विकट सम्राट है | पैसे की अहमियत नहीं है , यह अच्छी बात  है | परवाह न हो  तो  कोई  बात नहीं , मगर  उसके  लिए भी पैसे होने चाहिए | बैंक वालों ने उन्हें सुदर्शन चक्र की तरह   क्रेडिट कार्ड दे दिया है | आजकल बाल वहीँ कटाते है जहाँ क्रेडिट कार्ड चलता हो | पॉइंट्स मिलता है , अलग से | मैंने पुछा - भाई कितना बिल आता है जो खूब सारा पॉइंट जमा हो जाये | हज़ार की कटाई, हज़ार की मरम्मत , और कुछ पांच सौ में दाढ़ी , साथ में एक दो सौ टिप भी दे देते है , जिससे  इज्ज़त फ्री मिल जाये | 
सच ही कहते है शौक़ बड़ी चीज़  है | एक दिन office लिफ्ट में कुछ ज्यादा  ही आईने  को  निहारा  जा  रहा  था , मैंने टोक  दिया -'बात क्या है '
"भई, कुछ अलग लग रहा है क्या ?"
"हाँ तू ज्यादा मुस्कुरा रहा है "
"वो नहीं , ज़रा गौर से सोचो "
मैंने कहा - मुझे सोचने के लिए गौर नहीं करना पड़ता है , बताना है तो बताओ| वैसे थोडा सा इशारा मिल ही गया था , ज़नाब सलून से आ रहे है |
"कुछ तो अलग लग रहा होगा ना"
"कितने पैसे खर्च किये "
फिर से मुस्कुरा उठा जैसे तीर निशाने पर लगा हो , छाती चौड़ी करके बोलता है - अच्छी जगह , पैसे कौन देखता है ? हम तो रुपये में बात करते है | 
एक हाथ से बाल सहलाना और तिरछी नज़र के  हरेक एंगल  से खुद को देखकर उम्मीद  ऊँची हो गयी थी |
तभी लिफ्ट रुकी , एक लड़की अन्दर आई, मुझे देखा और विकट को बोली - "can you please press 6th floor  ?"

मैंने हंस दिया , बस |