Tuesday, December 20, 2011

Missile Impossible

विकट बुद्धि XIII

बात Israel की हो रही थी एक दिन , शायद अखबार पढ़ा था विकट ने| वो हमेशा सुबह या दोपहर में गायब हो जाता है और आधा खबर किसी अकबार से और आधा अपने दिमाग से पढ़ कर हमें बताता है| उसकी यह आदत बड़ी निराली है ,  शुरू शुरू में हमें पता ही नहीं चलता था की यह बन्दा जाता कहाँ है | मुझे लगता था की नित्यक्रिया निपटाने जाता होगा तभी मुझे बताता नहीं है | खैर, एक दिन जनाब अखबार हाथ में लिए पकडे गए , तब हमनें जाना इनके पास देश विदेश की रंगीन और मनोरंजक बातें कहाँ से आती है | वो अलग बात है की मसाला खुद ज़नाब  लगाते  है , वो भी इतना की बस सामने वाला हँसते हुए दम तोड़ दे | 
विकट ने सवाल दागा , समझो एक misile था -"Israel तो छोटा सा है बम इतना बड़ा पता है "
मैंने कहा - "कितना बड़ा है क्या ?"
उसने अपने एक हाथ की तरफ इशारा किया बोला - Israel इतना छोटा है , और बम तो बड़ा होता है, उड़ जायेगा , पता ही नहीं चलेगा |
मेरे मित्र ने पुछा - "तुम्हे कैसे पता ?"
"वो छोड़ो यह बताओ , बम कितने तरह के होते है "
मैंने कहा - "कभी बम देखे हो ?"
"हाँ, कौन सी बड़ी बात है , तुमने दिवाली पर पटाखे नहीं छोड़े क्या "
यह ज़नाब अपनी ही धुन में थे, हमारी तो हंसी बस निकल रही थी , आवाज़ दब गयी थी शायद कहीं पे| उस गूंज में उसका  चेहरा फिर चमक रहा था |
उसने हमें ज्ञान बाँटा - "पता है , Missile से बम मारते है "
मैंने बोला -"अगर निशाना चूका तब?"
"अगर missile target पर नहीं गिरा तो, उसपे बैठ कर आ जाना इंडिया वापस , टिकेट भी नहीं लगेगा |
मेरे मित्र ने कहा - "missile पर बैठेगा तो तेरे पिछवाड़े में आग लग सकती है , फिर क्या करोगे ?'
उसने सर खुजाते हुए कहा - "कैसी बात करते हो , यह तो मैंने सोचा ही नहीं , ओह shit |"

Exactly , Shit ! हमारा दिमाग Gaza Strip बनने से बच गया |
अखबार अच्छी तरह से ना पढने पर आपको हंसी का पात्र बना सकती है , हमने पता कर लिया है |

-© 2011 सत्य घटना पर आधारित 

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